किसी ने हमारी शांति बिगाड़ने की कोशिश की तो उसको भी छोड़ना नहीं-राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े

If anyone tries to disturb our peace

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ब्रह्माकुमारीज़ ने समाज, धर्म और देश त्याग, तपस्या और समर्पण किया-राज्यपाल

राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने राष्ट्रीय मीडिया महासम्मेलन 2025 का किया उदघाटन

ब्रह्माकुमारीज़ संस्था 90 वर्षों से विश्व को शांति का संदेश दे रही है-राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी मोहिनी दीदी

आबू रोड़/ फरीदाबाद। दयाराम वशिष्ठ: If anyone tries to disturb our peace: ब्रह्माकुमारीज़ के मीडिया विंग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय मीडिया महासम्मेलन 2025 का शनिवार को विधिवत आगाज़ हो गया। राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने राष्ट्रीय मीडिया कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ किया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज़ की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मोहिनी दीदी, मीडिया विंग के अध्यक्ष बीके करुणा भाई, प्रो डॉ मानसिंह परमार, प्रो संजय द्विवेदी, मीडिया विंग कर राष्ट्रीय संयोजक बीके शांतनु उपस्थित रहे। शांतिवन स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल देश भर से आये पत्रकारों इस दिव्य आयोजन के साक्षी बने।

मीडिया कॉन्फ्रेंस के मुख्य अथिति राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने राष्ट्रीय मीडिया कॉन्फ्रेंस 2025 का उदघाटन करते हुए कहा कि मुझे यहां आकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। समाज मे शांति, एकता और विश्वास को बढ़ावा देने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है। मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ भी बोलते हैं। मीडिया लोकतंत्र की जड़ों को सींचकर सदा हरा रखने का कार्य करता है। हमारे भारत के योगों के रक्त में ही लोकतंत्र है। चन्द्रगुप्त के राज्य में पाटलिपुत्र में नगर पंचायत में 30 सदस्य चुनकर आते थे। मैंने इसके बारे में पूर्व प्रधानमंत्री पं जवाहरलाल नेहरू जी की किताब भारत एक खोज में पढ़ा। लोकतंत्र में जो चुनकर आते हैं, जाति के आधार पर नहीं विचार और देशहित के आधार पर चुनाव लड़े तो लोकतंत्र और मजबूत होगा। मीडिया को इसपर फोकस करना चाहिए। 

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राज्यपाल ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ एक आध्यात्मिक विश्वविद्यालय है। प्राचीन भारतीय संस्कृति ज्ञान का प्रचार प्रसार करता रहा है। ब्रह्माकुमारीज़ संस्था महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। नशामुक्ति, पर्यावरण जागरण, अंधविश्वास दूर करने का भी काम करता है। ब्रह्मा बाबा ने इसकी स्थापना की। उनका हीरे का व्यापार था। ब्रह्माकुमारीज़ हर गांव में जाते हैं। लोगों को शांति और तरक्की का रास्ता बताते हैं। 

विश्व में महिलाओं का इतना बड़ा संगठन नहीं है, जितना ब्रह्माकुमारीज़ का है। ब्रह्माकुमारीज़ संस्कृति बचाने का कार्य कर रही है। भारत की संस्कृति विश्व की पहली संस्कृति है। हजार वर्षो से ज्यादा समय तक हमारी संस्कृति को छिन्न भिन्न करने की कोशिश की गई है। मैकाले ने हमारी संस्कृति को बिगाड़ने के लिए वर्ष 1835 में जो शिक्षा पद्धति लागू की गई थी।  विश्व मे जब कुल 6 विश्वविद्यालय थे, हमारे पास नालन्दा और तक्षशिला दो ऐसे विश्वविद्यालय थे। जजिया कर लगाया गया। धर्म परिवर्तन किया गया। लेकिन हमारी संस्कृति नष्ट नहीं हुई, बल्कि तेजी से बढ़ रही है। क्योंकि हमारे यहां योगी,महात्मा हुए। हमने किसी पर आक्रमण नहीं किया। हम सर्वधर्म को मानते हैं। सनातन धर्म ने किसी ने टिप्पणी नहीं की, लेकिन हमारे बारे में टिप्पणी की जाती है। किसी ने हमारी शांति बिगाड़ने की कोशिश किया तो उसको भी छोड़ना नहीं, ये बात हमे ध्यान रखना होगा। हम किसी की शांति भंग नहीं करेंगे। पंडित नेहरू ने अपनी किताब में उल्लेख किया है कि मैक्समूलर जर्मन इतिहासकार था। उसने लिखा हमे आश्चर्य होता है कि भारत की दो किताबों में लोगों की श्रद्धा है, एक का नाम रामायण, दूसरे का नाम गीता है। हरिभाऊ बागड़े ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ ने त्याग, तपस्या और समर्पण किया। ये देश, धर्म, समाज के लिए समर्पण किया है। गांव-गांव भटकती हैं, ये बहुत बड़ी बात है। 23 मार्च 1922 को महात्मा गांधी ने भाषण दिया कि हम भूखे मर रहे हैं। मैकाले ने कहा था भारत में कोई भूखा नहीं, चो नहीं, भिखारी नहीं है, लेकिन उन्होंने हमें कहाँ लाकर छोडा कि देश ने भुखमरी भी देखी। आज हम दुग्ध उत्पादन में विश्व मे नम्बर एक हैं। गेहूं उत्पादन मे दूसरे नम्बर पर हैं।

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शांति हम सबका स्वधर्म है-राजयोगी बीके मोहिनी दीदी

ब्रह्माकुमारीज़ की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मोहिनी दीदी ने आशीर्वचन देते हुए कहा कि ब्रह्मा बाबा ने कहा कि मुझे जर्नलिस्ट ब्रह्माकुमारी चाहिए। तो मैं पढ़ने के लिए गयी। मीडिया का एक मतलब प्रमोशन होता है। बाबा की इच्छा थी सबको ये सन्देश मिले। करीब 60-70 देशों में जाना हुआ। हमारा उद्देश्य प्रचार करना नहीं था, हम चाहते थे आपके मन को शांति मिले। हिंसा, स्वार्थ बढ़ रहा है। होनी तो 'पीस' चाहिए पर अब 'पीसेस' हो रहे हैं। एक तरफ स्वतंत्रता है, दूसरी तरफ विभाजन हो रहा है। हमारी भावना पत्रकारों को शांति, ज्ञान, सुख दें। मैं कई देशों में बड़े बड़े पत्रकारों से मिली। एक तो मुस्कुराना भूल गया था। ब्रह्माकुमारीज़ में हर कोई मुस्कुराता नज़र आता हैं। भगवान ने हममे ये बीज डाला कि विश्व परिवर्तन करना है। तब से मन वाणी कर्म से ईश्वरीय धारणा गुणों व शक्तियों के रूप से धारण करने कराने का कार्य चलता रहा। शांति हम सबका स्वधर्म है। शांति के सागर हमारे पिता हैं। हमें इसका अभ्यास करना है, ये हमारा स्वभाव बन जायेगा। शांति अपने मन से शुरू होती है। समाज, परिवार और विश्व मे शांति हो। अगले साल ब्रह्माकुमारीज़ को 90 वर्ष हो रहे हैं। हम शांति का ही सन्देश फ़ैला रहे हैं। अपने मन को अचल अडोल बनाएं, ताकि संसार मे घट रही घटनाओं का आपके मन पर प्रभाव न पड़े। एक दिन विश्व में शांति जरूर होगी। हम शांति के संसार में होंगें।

अपने प्रोफेशन में आध्यात्मिकता मिलाकर दुनिया बदल दीजिये-बीके सरला

हैदराबाद से आईं मीडिया विंग की उपाध्यक्ष बीके सरला दीदी ने कॉन्फ्रेंस के उद्देश्यों को सामने रखा। उन्होंने कहा कि स्वयं भगवान इस कॉन्फ्रेंस के स्त्रोत हैं। हमने ब्रह्माकुमारीज़ की इस वर्ष की थीम शांति, एकता और विश्वास को बढ़ावा देने पर मंथन रखा है। इस दुनिया मे सभी का कॉमन उद्देश्य होता है कि हम सब सुख शांति से जिये और आनंद से रहें। 
ब्रह्माकुमारीज़ भगवान द्वारा स्थापित यूनिवर्सिटी है। आप अपने प्रोफेशन में आध्यात्मिकता मिलाकर कार्य कीजिये तो दुनिया बदलने में आपकी भूमिका महत्वपूर्ण हो जाएगी।

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हमें कंटेंट रिफॉर्मर बनना है-प्रो संजय द्विवेदी

विभागाध्यक्ष माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल प्रो संजय द्विवेदी ने कहा कि पत्रकार सामाजिक, सांस्कृतिक चेतना के वाहक हैं। आप दैनिक इतिहास लिख रहे हैं। भारत को देखने की आंखे आप ही हैं। ये कोशिश है कि जनसंवाद से जुड़े लोग मिलें, विचार करें। हम डिजिटल समय मे हैं, जहां रोज नया कंटेंट रचा जा रहा है। आज सामान्य व्यक्ति को भी अभिव्यक्ति का मंच मिला हुआ है। लेकिन ये लोगों तक मिली पहुंच बहुत बड़ी जिम्मेदारी बन जाती है। नकारात्मक, फेक व ट्रोलिंग के दौर में आपका कंटेंट रचनात्मक होना चाहिए। 3 वी का समय है। वॉइस सुनी जा रही है। वीडियो बनाये जा रहे हैं, भारतीय भाषाएं हैं। लोकल से ग्लोबल की तरफ कंटेंट बढ़ रहा है। आप एक लाउड स्पीकर हो सकते हैं, लेकिन ज्ञान के बिना ये झूठ की गूंज करेगा। चार चुनौतियों हैं। विश्वसनीयता का संकट है। फेक न्यूज़, हेट न्यूज़ बढ़ गयी है। सामाजिक निर्वहन की जिम्मेदारी। बुरा मत टाइप करो, बुरा मत लाइक करो, बुरा मत शेयर करो। इससे बुराई फैलेगी नहीं। आप कंटेंट क्रियेटर बन जाये। आप कंटेंट लीडर बनें। वह ट्रेंड सेट करता है। तीसरा कंटेंट रिफॉर्मर होता है। हमें कंटेंट रिफॉर्मर बनना है। जो समाज को दिशा देता है। भरोसेमंद जानकारी देनी है। सकारात्मक संवाद करना है। आंचलिक भाषा व विषयों को जगह देना है। स्वस्थ हास्य के माध्यम से बड़ी बात भी कही जा सकती है। आपमें बदलाव लाने की शक्ति है।

पत्रकारिता समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की शक्ति है- बीके शांतनु

मीडिया विंग के राष्ट्रीय संयोजक बीके शांतनु ने देश भर से आये हुए प्रतिभागियों का अभिनंदन करते हुए कहा कि देश भर से डेढ़ हजार से अधिक पत्रकार आये हैं। जो प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल माध्यम में सेवाएं देते हैं। ये हमारा परिवार बन गया है, हमारे बुलाने से सदा ही आबू पहुंच जाते हैं। मीडिया में विश्वसनीयता पैदा हो तो समाज मे एकता भी हो जाएगी। ब्रह्माकुमारीज़ के मीडिया विंग की स्थापना वर्ष 1980 में हुई थी। हम मानते हैं कि पत्रकारिता समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की शक्ति है। यह साधन नहीं साधना है। हमारी चीफ बीके मोहिनी दीदी ने भी पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप हमारी रूहानी पत्रकार हैं।

पत्रकार भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने में सहभागी बनें-बीके करुणा भाई

सत्यम शिवम सुंदरम के जयघोष के साथ अपने वक्तव्य की शुरुआत करते हुए ब्रह्माकुमारीज़ मीडिया विंग के अध्यक्ष बीके करुणा भाई ने कहा कि हम वर्ष में दो बार मीडिया कॉन्फ्रेंस आयोजित करते हैं। हमारा उद्देश्य प्रचार नहीं बल्कि हर मानव को आनंद का अनुभव हो, इसलिए आयोजन करते हैं। मैंने स्वयं 26 वर्ष मीडिया में काम किया है। मोबाइल हर हाथ मे होने के कारण न्यूज़ तो हवा के जैसे चल रही है। हमको पढ़ाया जाता है good news not a news, लेकिन अब कुछ चैनल ने अच्छी खबरे दिखाना शुरू किया है। एक समय आध्यात्मिक खबरें प्रकाशित करने का निवेदन करते थे, आज हम देखते हैं कि अच्छी, आध्यात्मिक खबरें भी छपती हैं। सुबह सुबह केवल बुरा समाचार ही नहीं देना है, कुछ उमंग उत्साह की खबरें भी देनी चाहिए। हम आशा करते हैं कि पत्रकार भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने में सहभागी होंगे।

ब्रह्माकुमारीज़ के मीडिया महासम्मेलन में पारित प्रस्ताव पत्रकारिता के लिए बने आचार संहिता बनें-प्रो मानसिंह परमार

कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय रायपुर के पूर्व कुलपति प्रो. डॉ. मानसिंह परमार ने कहा कि शांति, एकता और विश्वास आज के समय चर्चा का विषय है। पूरे विश्व मे हाहाकार मची है, मारकाट मची है। हमारे पड़ोस में ही जेन ज़ी ने सोशल मीडिया के जरिये उथल पुथल मचा दी। ऐसे समय में शांति की जरूरत है, शांति से एकता होती है और विश्वास जन्म लेता है। हमारे वेदों, शास्त्रों में भी यही शिक्षा दी गयी है। हम तो शांति के दूत हैं। पूरे विश्व को शांति का संदेश देने वाले लोग हैं। भारत के संविधान की प्रस्तावना को देखेंगे तो लाएंगे हमारे यहां शांति, एकता विश्वास को जगह दी गयी है। मीडिया ने भारत को विकास की और बढाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शांति का दीपक भी मीडिया के माध्यम से जलता है। हमने तो बहुत पहले ऋग्वेद में यह बात कह दी है। ब्रह्माकुमारीज़ के जितने भी मीडिया महासम्मेलन हुए हैं, उनमें पारित प्रस्ताव हुए हैं, अच्छी पत्रकारिता के लिए उससे अच्छी आचार संहिता हो ही नहीं सकती। हमें उसे सरकार को सौंपना चाहिए। हमें चाहिए कि समाज आगे बढ़े, देश विश्वगुरु बने,ब्रह्माकुमारीज़ के प्रयासों को पूरे विश्व में फैलाएं।

कॉन्फ्रेंस को उद्घाटन सत्र के विशिष्ट अथिति डॉ सोहिनी शास्त्री , राष्ट्रपति पदक प्राप्त ज्योतिषी और लाइफ कोच कोलकाता और दिल्ली से आए डॉ अजित पाठक, राष्ट्रीय अध्यक्ष पब्लिक रिलेशन्स सोसाइटी ऑफ इंडिया ने भी संबोधित किया।

नृत्य ने कार्यक्रम को लगाए चार चंद

आगरा से आईं कत्थक और लोक नृत्य कलाकार श्वेता सागर ने दिव्य स्वागत नृत्य से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। रायपुर से पहुंची गायिका सारदा नाथ ने स्वागत गीत से सबका मन मोह लिया। जोनल कोऑर्डिनेटर मीडिया विंग बीके चन्द्रकला दीदी ने सत्र का संचालन किया।